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लोकसभा चुनाव 2024, धनबाद लोकसभा की चुनावी माहौल पर एक नजर ! (लोकसभा चुनाव 2024)

लोकसभा चुनाव में धनबाद का क्या है महत्व? क्यों धनबाद की सीट के लिए इतनी है मारामारी ???

धनबाद लोकसभा 2024 में कौन सी राजनीतिक पार्टी फहराएगी अपनी विजय ध्वज आइए जानते हैं Abhitak के इस रिपोर्ट में !

धनबाद लोकसभा सीट का महत्व:

धनबाद संसदीय क्षेत्र झारखंड के महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से अपना अहम योगदान रखता है। कोयला नगरी से प्रचलित धनबाद बराकर नदी के तट पर सुंदरता बिखेरते हुए तथा मैथन बांध जैसे पर्यटक स्थान, साथ ही मां कल्याणल्श्वरी मंदिर भी इसमें चार चांद लगाने का काम करती है। यह स्थान कोयला खानों व औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए भी जाना जाता है। लगभग 110 कोयला खानों से कुल 27.5 मिलियन टन कोयले का उत्पादन होता है जिससे 7,000 मिलियन रुपए की वार्षिक आय होती है। इन्हें कारणों से भी धनबाद लोकसभा सीट का महत्व और बढ़ जाता है।


                                       2011 जनगणना के अनुसार, यहां की जनसंख्या 2,684,478 तथा साक्षरता दर 75.71% है। 1956 में गठित धनबाद की मुख्य नदी दामोदर है जो जमुनिया नदी के साथ अपने संगम पर धनबाद जिले में प्रवेश करते हुए हजारीबाग के साथ धनबाद की पश्चिमी सीमा बनाती है।

धनबाद लोकसभा में मतदाताओं का कितना है योगदान:

धनबाद लोकसभा सीट पर शहरी मतदाताओं का बोलबाला है। 22 लाख से अधिक वोटरों में से करीब 62% शहरी व 38% ग्रामीण मतदाता है। ST वोटर 3 लाख है, SC वोटरों की संख्या करीब 2 लाख है, वही मुस्लिम समुदाय से करीब 3 लाख वोटर आते हैं जबकि ब्राह्मण, ठाकुर वोटरों की संख्या 2.5 लाख के करीब है। धनबाद लोकसभा के भीतर 6 विधानसभा सीटें "बोकारो, सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया व चंदनकियारी" विधानसभा शामिल है, इनमें चंदनकियारी सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।


धनबाद लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद पीएन सिंह के हटने पर बदले चुनावी मापदंड! अब किसकी दावेदारी होगी मजबूत ?

जिस प्रकार धनबाद शहर के नीचे आग लगा हुआ है, ठीक वैसे ही इस समय लोकसभा चुनाव में भी मानो आग - सी लग गई हो। लोगों के बीच, सीटों के हेरा - फेरी पर चर्चाएं हो रही है। इस बार सभी पार्टियों ने बाहरी उम्मीदवारों को टिकट न देकर स्थानीय नेताओं को टिकट देने का काम किया है। धनबाद लोकसभा से तीन पार्टियों "भाजपा, कांग्रेस व JLKM (झारखंडी लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा)" , अपनी ओर से उम्मीदवार देने का काम किया है। धनबाद लोकसभा चुनाव का मतदान 12 मई को और मतगणना 23 मई को की जाएगी। बीजेपी की ओर से उम्मीदवार के रूप में विधायक ढुल्लू महतो को चुनाव में उतारा गया है। तीन बार के सांसद रहे PN सिंह की जगह ढुल्लू महतो के आने से चुनावी समीकरण बदल गया है। कांग्रेस में भी धनबाद सीट के लिए बहुत से नाम सुर्खियों में आने लगे हैं। दावेदारों के एक लंबी लिस्ट सामने आती है। लेकिन आखिर में कांग्रेस की ओर से बेरमो विधायक अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह को धनबाद लोकसभा सीट का टिकट दिया गया। आखिरी पार्टी "JLKM" में भी इस बार सीट को लेकर काफी गरमा - गरमी बनी रही। रिजवान अंसारी, कारण महतो, मोतीलाल महतो जैसे बड़े चेहरों के नाम सामने आए, लेकिन अंततः JLKM की ओर से एकलाख अंसारी को लोकसभा उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा गया। 

                                             धनबाद की सियासी माहौल को देखकर ऐसा लगता है कि इस बार लोकसभा सीट के लिए चुनावी महासंग्राम काफी जोरदार होगा। अंत में देखना ये देखना मजेदार होगा कि इस चुनावी मैदान में कौन बाजी मारता है।

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क्या था 2019 लोकसभा चुनाव का परिणाम? किसने मचाया था धमाल ?

अगर हम 2019 लोकसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो बीजेपी के पशुपतिनाथ सिंह ने करीब 8,27,234 वोट प्राप्त कर विजय हासिल किया था। उन्होंने कांग्रेस के कीर्ति आजाद का पत्ता कटा था जो बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुई थी। कीर्ति आजाद को लगभग 3,41,040 वोट प्राप्त हुए। दोनों के बीच हर का फैसला काफी बड़ा (4,86,194 वोट) था। साथ ही तृणमूल कांग्रेस की माधवी सिंह 8,235 वोट के साथ तीसरे स्थान पर थी।

                                                 वही 2014 लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी के पशुपतिनाथ सिंह ने कांग्रेस के अजय कुमार दुबे को 2,91,230 वोटो से हराया था। पशुपतिनाथ सिंह को 5,43,354 वोट मिले। जबकि अजय कुमार को 25,105 वोट मिले। वहीं मार्कसिस्ट  को - ऑर्डिनेशन दल के आनंद महतो 11,549 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे।

पीएम मोदी जी के साथ एमपी पशुपतिनाथ सिंह 

शिक्षा और स्वास्थ्य को मुद्दा बनाने की कोशिश करेंगे राजनीतिक दल ?? 

गरीबी और बेरोजगारी की मार झेल रही जनता को इस बार विकास व समृद्धि का लोभ दिया जाएगा। भ्रष्टाचार, सामाजिक और संस्कृतिक मुद्दों के समाधान की दिलासा दी जाएगी। अच्छे सड़कों व अस्पतालों का वायदा किया जाएगा और पानी, बिजली फ्री करने की बात जनता के सामने रखी जाएगी। ये देखना दिलचस्प होगा कि राजनीतिक दलों द्वारा दिए गए मेनिफेस्टो को जीत के बाद जमीनी स्तर पर कितना सच साबित किया जाया है।

              " जय झारखंड, जोहर झारखंड"



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