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टाइगर जयराम महतो का राजनीतिक विस्तार..... Political spread of Tiger Jairam Mahto....... आइए जानते हैं !!!

 Aakhir कौन है जयराम महतो...

जयराम महतो, जो एक शहीद व आंदोलनकारी पिता (श्री कृष्ण प्रसाद महतो) के बेटे है।इनका निवास स्थान मानटांड,तोपचाची,धनबाद,झारखंड है, परन्तु इन्होंने अपना बचपन ननिहाल में बिताया।समय बीतता गया, इन्होंने अपना M.A(English): P.K Roy Memorial College,Dhanbad और P.HD(English): Binod Bihari Mahto University,Dhanbad से की।

       

                                      इन्होंने झारखंड के मौजूदा हालात को देखते हुए अपने कुछ साथियों से मिलकर झारखंड सरकार के विरोध में पहला आंदोलन, धनबाद के बिरसा मुंडा चौक में दिया।इनका विरोध, झारखंड सरकार द्वारा 24 दिसंबर, 2021 को एक अधिसूचना में राज्य के 11 जिलों में राज्य स्तरीय परीक्षा के लिए झारखंड की बाहरी भाषाओं की सूची में रखे जाने, से था। इस अधिसूचना के बाद झारखंड में भाषा आंदोलन बोकारो,गिरिडीह और धनबाद जिलों के युवकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। जयराम ने अपने पहले ही आंदोलन में मीडिया के द्वारा इस प्रकार से अपने विचारों को तार्किक रूप से रखा कि वे देखते ही देखते पूरे झारखंड व पूरे भारत में विख्यात पा लिया। इतने कम समय में इतनी लोकप्रियता पाने तथा अपने निडर व बेबाक भाषणों के कारण ही इनका नाम "टाइगर" पड़ा।


टाइगर जयराम का राजनीति में पहला कदम :

अपने निरंतर आंदोलनों से अब जयराम को छात्र संगठन अपना नेता के रूप में देखने लगे हैं।इन्ही आंदोलनों के दौरान, कुछ अनुभवी, ज्ञानवादी व आंदोलनकारियों ने जयराम का साथ देने का निर्णय लिया, जिसमें से सबसे प्रमुख चेहरे (मोतीलाल महतो,मनोज यादव,संजय मेहता, रिजवान अंसारी, देवेंद्र नाथ महतो) आदि हैं। साथ ही कुछ युवतियों (दयमंती मुंडा,पूजा महतो ,बेबी महतो) जैसे जबांजो ने अपना योगदान दिया। देखते ही देखते आंदोलन पूरे झारखंड में फैल गया। 18 जून ,2023 को धनबाद जिले के बलियापुर हवाई पट्टी मैदान में एक विशाल सभा (5 लाख से अधिक भीड़) के दौरान, जयराम महतो ने अपनी नई पार्टी का गठन किया जिसका नाम JBKSS (झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति) रखा गया और इसका चिन्ह टाइगर रखा गया , जिसकी अध्यक्षता जयराम महतो को दिया गया।


                                      पार्टी के गठन के दौरान, जयराम महतो ने 2024 में झारखंड से लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी (JBKSS) से सभी सीटों पर चुनाव लडने की घोषणा किया।अपनी पार्टी का लक्ष्य बताते हुए जयराम ने , 1932 का खतियान लागू करने तथा स्थानीय नियोजन नीति को लागू करने का वचन दिया।

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झारखंड में "टाइगर जयराम" की लोकप्रियता बढ़ने का कारण  :

अपने बेबाक व निडरता भरे भाषणों के कारण जयराम लोगों के दिलों में छाने लगे। अपने भाषणों में इन्होंने झारखंड के मानसिक रूप से सोए हुए लोगों को जगाने का काम किया तथा हमारे झारखंड के पिछड़ने के कारणों का विस्तार रूप से लोगों के बीच रखा। झारखंड के छोटे - बड़े गांव व कस्बों में अपनी गाड़ी के बोनट पर खड़े होकर भाषण देने वाले एक युवा नेता 'टाइगर' को सुनने के लिए लोग दूर - दूर से पहुंचने लगे। जयराम ने अपने भाषणों में स्थानीय मुद्दे,युवाओं के बेरोजगारी के कारण, भाषा का महत्व व अपने हक - अधिकार के बातों को बताने का काम किया। जींस और टीशर्ट पहन कर भाषण देता यह नौजवान युवक ग्रामीणों को काफी प्रभावित किया। रांची, बोकारो, हजारीबाग,रामगढ़, धनबाद व सिंहभूम जैसे जिलों में गांव - गांव घूमकर भाषण देता "टाइगर" अब BJP और Congress जैसे बड़ी पार्टियों से टकराने को तैयार हो गया। इनकी लोकप्रियता उस वक्त अधिक बढ़ गई जब इन्होंने महाराष्ट्र के नवी मुंबई , बेलापुर में 1 Oct, 2023 को झारखंड के प्रवासी मजदूरों को संबोधित करते हुए एक जबरदस्त भाषण दिया। इस सभा में कम से कम 3 lakh से अधिक प्रवासी मजदूरों ने भाग लिया। भीड़ इतनी थी कि मौजूदा मैदान भी लोगों को खड़ा रहने के लिए छोटा पड़ गया। इसी दौरान एक आनंद नामक युवक ने अपने सीने में जयराम की तस्वीर बना के उनकी लोकप्रियता को बताने का काम किया। जयराम ने अपने भाषण में सभी मजदूरों को अपने अधिकारों व झारखंड में रोजगार दिलवाने का आश्वासन दिया


                                             टाइगर के नाम से उभरता सितारा " जयराम " अब झारखंड के बच्चों से लेकर बुजुर्गों के दिलों में राज करने लगे है। तत्काल में जयराम गिरिडीह लोकसभा चुनाव के प्रत्यासी के रूप में खुद को खड़ा किया है। इनकी लोकप्रियता व निडरता के कारण इनकी जीत लगभग तय मानी जा रही हैं।

                     जय हिन्द , वंदे मातरम "



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