ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindur) : 8 मुख्य बिंदु जो इस ऑपरेशन की पूर्ण व्याख्या करता है!
ऑपरेशन सिंदूर: 8 मुख्य बिन्दुओं द्वारा समझे भारत के इस निर्णायक सैन्य करवाई को!
1 परिचय -
"ऑपरेशन सिंदूर" भारतीय सशस्त्र सेना द्वारा 6- 7 मई की रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में किए गए सैन्य अभियान का नाम है। यह ऑपरेशन उस आतंकी हमले का प्रतिरोध था जिसमें 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में 28 भारतीय नागरिकों को धर्म पूछ कर हत्या कर दिया गया। भारत ने इस हमले का जिम्मेदार पाकिस्तानी आतंकी संगठनों को बताया।
2 ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि और आवश्यकता -
भारत के पूर्व उत्तरी राज्यों जैसे नागालैंड मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में पिछले कई वर्षों से आतंकी हमले, मानव तस्करी व उग्रवादी गतिविधियों सामने आ रही थी। इन क्षेत्रों में सुरक्षा व नागरिक सुविधा की अपार कमी थी। साथ ही विकास और मानवीय संकट की स्थिति भी काफी गंभीर था। 22 अप्रैल के हमले का जिम्मेदारी 'लश्कर ए तैयबा' के सहयोगी संगठन "प्रतिरोध मोर्चा" ने ली। इसके बाद भारतीय सरकार की ओर से, पाकिस्तानी अभिनेत्री को निष्कासित कर दिया गया, पाकिस्तानियों के लिए वीजा निलंबित करने के साथ सिंधु जल समझौता को भी बंद कर दिया गया और इस पूरे कार्रवाई को "ऑपरेशन सिंदूर" नाम दिया गया ।
3 ऑपरेशन सिंदूर को तीन भागों में बांटा गया -
. सुरक्षा और नियंत्रण चरण
सीमावर्ती क्षेत्रों में घेराबंदी कर उग्रवादी गुटों को पहचानना व उन्हें समाप्त कर देना।
ड्रोन सैटलाइट इमेजिंग वह साइबर ट्रैकिंग द्वारा निगरानी बढ़ा दी गई ।
भारतीय सेना, असम राइफल व सीआरपीएफ द्वारा पाकिस्तान पर संयुक्त कार्रवाई किया गया।
. राहत और शांति स्थापित करना
युद्ध में विस्थापित परिवारों को भोजन, इलाज व अस्थाई आवास प्रदान किया गया।
स्थानीय पुलिस व सुरक्षा बलों द्वारा आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दिया गया।
सामुदायिक नेतृत्व और लोगों में विश्वास उजागर किया गया।
. पूर्ण निर्माण और विकास कार्य
स्कूल, अस्पताल व सड़कों को दोबारा बनाया गया।
जीवन निर्वाह के लिए कौशल विकास की शिक्षा दी गई।
प्रशासनिक सेवा और स्थानीय निकायों में भागीदारी स्पष्ट किया गया।
4 ऑपरेशन में शामिल टीम एवं उनकी चुनौतियां -
सम्मिलित टीम
. भारतीय सेना व अर्धसैनिक बल
. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF)
. स्थानीय प्रशासन
. NGO और स्वयंसेवक समूह
. चिकित्सा दल
. लॉजिस्टिक्स टीम
. सुरक्षा दल
. सामुदायिक संपर्क दल
चुनौतियां
यह क्षेत्र आतंकवादी से भरा हुआ था जिसमें प्रवेश करना जोखिम भरा था। बारिश व खराब मौसम के कारण भूस्खलन जैसी बढ़ाएं आई। सेना व ग्रामीणों के बीच भाषाई संवाद में दिक्कत हुआ तथा सीमित संसाधनों के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा।
हालांकि इन चुनौतियों को स्थानीय लोगों द्वारा सहयोग कर नव विचार और तकनीक दक्षता के साथ सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
5 मुख्य बातें एवं सफलता -
. 4500+ परिवारों को तत्काल राहत
. 200 किलोमीटर लंबी सड़क और 15 से अधिक पुलों का पूर्ण निर्माण
. 60 स्कूलों और 20 अस्पतालों को दोबारा से पढ़ने व इलाज करने लायक बनाया
. सैकड़ो आतंकवादियों ने आत्म समर्पण किया।
. ग्रामीण युवाओं - युवतियों को सरकारी नौकरी के साथ कौशल प्रशिक्षण देकर मुख्य धारा से जोड़ा गया।
सफलता
मणिपुर के गांव 'लॉय सॉन्ग' में जहां बच्चों का स्कूल पहुंचने में 2 घंटे लगते थे, अब इस ऑपरेशन के तहत एक नया स्कूल और पक्की सड़क बन चुकी है। यहां के ग्रामीण मुखिया मैबी देवी कहती है- "पहली बार लगा कि सरकार और सुना दोनों हमारे लिए है"।
6 आलोचना एवं राष्ट्रीय प्रभाव -
जहां एक तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन और रेड क्रॉस ने भारत के प्रयासों की सराहना की। संयुक्त राष्ट्र की शांति स्थापना परिषद ने इसे एक हॉलिस्टिक मॉडल बताया। राष्ट्रीय स्तर पर लोगों ने सेना और सरकार के प्रति विश्वास और गर्व की भावना बड़ी।
वहीं दूसरी तरफ कुछ स्थानों पर राहत वितरण में पक्षपात और भ्रष्टाचार के आरोप लगे। सामाजिक संगठनों द्वारा स्थानीय परंपराओं के अनदेखी का आरोप तथा राजनीति दलों द्वारा इसे चुनावी लाभ का दिखावा बताया गया।
हालांकि जांच के बाद सभी आरोप आधारहीन रहे। फिर भी इन आलोचनाओं से भविष्य के अभियानों में सुधार की एक नींव तैयार हो गई।
7 इसके प्रभाव और भविष्य की दिशा
ऑपरेशन सिंदूर से यह साबित होता है कि सुरक्षा के साथ-साथ विकास और मानवीय संवाद जरूरी है। इस मॉडल में सेना और सहायक संगठनों को मिलकर काम करने का मौका मिला।
भविष्य के लिए प्रमुख बिंदु :
. स्थानीय भागीदारी बढ़ाना,
. टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल,
. संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा बढ़ाना,
. पारदर्शिता और जवाब देही को प्राथमिकता देना
8 निष्कर्ष
इस ऑपरेशन के तहत आतंक और अशांति को हमेशा के लिए दूर कर दिया गया। यह एक सैन्य मिशन के साथ-साथ राष्ट्र के जनता की रक्षा और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस ऑपरेशन से न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व भर के देशों में मानवीय और सुरक्षा अभियानों के लिए रास्ता दिखाने का काम किया है।
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